मुंगेर जख्मी युवक के जांघ से निकली गोली सेना या पुलिस को दिए जाते है, मनु महराज ने तोड़ी चुप्पी...
बिहार मुंगेर : प्रतिमा विसर्जन में फायरिंग की घटना के बाद बुधवार की शाम पुलिस के वाहन पर पथराव, कांच टूटा, माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है...सोमवार की रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग में घायल श्यामपुर निवासी 28 वर्षीय युवक चंदन कुमार की जांघ का ऑपरेशन कर बुधवार को सदर अस्पताल में दो पिलेट निकाली गई है।
सर्जरी करने वाले डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि जांघ से जो पिलेट निकला है वह छोटे साइज की है। हालांकि यह गोली किस बंदूक की है इसके बारे में एक्सपर्ट ही कुछ बता सकते हैं। जब हमने उक्त पिलेट को दिखाते हुए राइफल एसोसिएशन से जुड़े एजी मालगांवकर प्रतिस्पर्द्धा के विजेता गोपाल कुमार सहित अन्य से पूछा तो उन्होंने बताया कि यह यह पिलेट एक बड़े बोर का है, जिसे अर्द्धसैनिक बल या सेना के जवानों को दिया जाता है। उन्होंने बताया कि आम लोगों को एनपी बोर की गोली मिलती है। जख्मी के शरीर से निकला पिलेट एनपी बोर का नहीं है। अब गोली किसने चलाई इसपर सवाल उठ रहा है। क्योंकि पुलिस फायरिंग की पुष्टि अबतक नहीं हुई है।
जुलूस निकाल लगाए एसपी मुर्दाबाद के नारे...
दूसरी ओर बुधवार शाम करीब 07.30 बजे बड़ी बाजार रोड और शादीपुर रोड में सैकड़ों युवा जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए एसपी मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान चौक से गुजर रहे एक पुलिस वाहन पर युवाओं ने पथराव भी किया। जिससे पुलिस वाहन का अगला शीशा क्षतिग्रस्त हो गया।
बेकापुर ने लोगों ने किया वोट का बहिष्कार...
दूसरी ओर विसर्जन के दौरान फायरिंग में हुई युवक की मौत के बाद मृत युवक के पिता अमरनाथ पोद्दार सहित बेकापुर लोहापट्टी के मुहल्लेवासियों ने बुधवार को हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए वोट डालने नहीं गए।
सदर अस्पताल में श्यामपुर निवासी जख्मी युवक की सर्जरी कर निकाली गोली इंसास राइफल की गोली का खोखा: एक्सपर्ट
एक्सपर्ट के अनुसार वह इंसास राइफल की गोली है, जो सिर्फ पुलिस जवानों के पास ही रहती है। हालांकि डीआईजी मनु महाराज ने कहा था कि अगर जांच में यह साबित होता है कि पुलिस ने मौके पर फायरिंग की थी तो दोषियों पर कार्रवाई होगी। इस संबंध में अन्य वरीय पदाधिकारी कुछ भी नहीं बता रहे हैं।
सीबीआई जांच कराने की मांग, देंगे धरना...
आक्रोशित मोहल्लेवासियों ने सरकार इस घटना की सीबीआई से जांच कराए तथा दोषियों के विरूद्ध धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए स्पीडी ट्रायल चलाकर कार्रवाई करे। घटना की सीबीआई जांच सहित दोषियों पर अविलंब कार्रवाई की मांग को लेकर धरना देने का निर्णय लिया है। मामले में 11 लोग अभी भी हिरासत में है।
अब सवाल यह है कि जब पुलिस गोली चलाने की बात से इनकार कर रही है, तो ये कारतूस किसका है?
खबर सोर्स - दैनिक भास्कर

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