मिलिए बिहार के उन वोटर से जिनके शरीर एक है पर सर अलग अलग दोनों ने किया मतदान अलग अलग...
हम बिहार विधानसभा चुनाव में वोट दे चुकीं दो ऐसी वोटर से आपको रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जो दो होते हुए भी एक हैं। दोनों बहनें हैं। नाम है सबा और फराह। दोनों एक-दूसरे से सिर से जुड़ी हुई हैं, लेकिन सोचती हैं अलग-अलग। ये पटना जिले की दीघा विधानसभा क्षेत्र की वोटर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों के पास एक ही वोटर आई कार्ड था। चुनाव आयोग ने दोनों को जुड़वां होने की वजह से एक ही वोटर माना था। लेकिन बाद में आयोग ने दोनों के अलग-अलग वोटर कार्ड बनाए।दोनों बहनें लगभग 23 साल की हो चुकी हैं। जब एक वोटर कार्ड था तब दोनों मिलकर वोट करती थीं। यानी सबा कहती थी कि बटन दबाओ और फराह बटन दबाती थी। बाद में जब दोनों के अलग-अलग वोटर कार्ड बने तो यह बात भी सामने आई कि वोट की गोपनीयता तो खत्म नहीं हो जाएगी! लेकिन दोनों के शरीर की बनावट ऐसी है कि एक वोट देती है तो उस समय दूसरी देख नहीं पाती है। दोनों के सिर विपरीत दिशा में हैं।
सिर जुड़ा होने के बावजूद दोनों अलग-अलग सपने देखती हैं। सबा कहती हैं कि कई बार सुबह में मेरी नींद खुल जाती है तो मैं फराह को आवाज देकर या हिला कर उठा देती हूं। वोट देते हुए उन्होंने क्या सोचा था, इस सवाल के जवाब में दोनों कहती हैं कि सब युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए। बेरोजगारी दूर हो। सब लोग को अच्छे से रहने और जीने का अधिकार मिले। ऐसी सरकार बने जो युवाओं का ख्याल रखे। लोगों की गरीबी दूर हो।
जब बिहार विधान परिषद के सभापति प्रो. जाबिर हुसैन थे तब उन्होंने दोंनों बहनों को लाख रुपए दिलवाया था। उपसभापति सलीम परवेज ने 50 हजार रुपए दिलवाए। पटना नगर निगम की ओर से मौर्या काम्प्लेक्स में एक दुकान भी दी गई है ताकि दोनों का लालन-पालन ठीक से हो सके।
सबा और फराह के शरीर की दिक्कत दोनों बहनें एक जिस्म दो जान हैं। एक चाहती है कहीं जाना तो दूसरी को भी जाना ही पड़ता है। इसलिए अंडरस्टैंडिग दोनों के जीवन का हिस्सा बन गई है। दोनों एक-दूसरे की भावनाओं का गजब ख्याल रखती हैं। दोनों की ज्यादातर रुचियां मिलती-जुलती हैं। सबा बोलने में थोड़ा तेज है फराह से। दोनों की कद काठी में भी फर्क है। सबा मोटी है तो फराह शुरू से ही दुबली-पतली है। दोनों को गठिया की भी शिकायत है। पैर की उंगलियां भी टेढ़ी हो गई हैं। हर दिन दोनों को दवाइयां खानी पड़ती है। सात बहनों में यही दो बहनें ऐसी हैं। एम्स से लेकर बाकी कई जगह दोनों को इलाज के लिए दिखाया गया। डॉक्टरों का कहना हैं कि दोनों को सिर का ऑपरेशन कर अलग किया जा सकता है लेकिन एक की जान पर बड़ा खतरा होगा। इस पर न दोनों बहनें राजी हुईं और न घर का कोई सदस्य। इसके बाद से दोनों ने इसी तरह के जीवन को अपनी नियति मान ली है। दोनों बहनों में से किडनी सिर्फ फराह को है।

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