जो लोग अकेले रहते हैं, उन्हें सफलता आसानी से नहीं मिलती सफलता के लिए करना होता है ये काम...

आश्रम में किसी को ये बात समझ नहीं आई कि वह अकेले क्यों रहने लगा है। सभी शिष्यों ने अपने गुरु को ये बात बताई तो एक शाम गुरु उस शिष्य की कुटिया में पहुंचे। ठंड के दिन थे। शिष्य ने अपने कुटिया में थोड़ी सी लकड़ियां जल रखी थी और वह वहीं बैठा हुआ था।
गुरु शिष्य की कुटिया में पहुंचे तो शिष्य बहुत सामान्य का अभिवादन किया और वापस अपनी जगह पर जाकर बैठ गया। गुरु भी उसके पास बैठ गए। काफी समय तक दोनों चुपचाप बैठे रहे। फिर गुरु उठे और उन्होंने जलती हुई लकड़ियों में से एक लकड़ी निकालकर अलग रख दी।
शिष्य ये सब देख रहा था। थोड़ी ही देर में अलग रखी हुई लकड़ी बुझ गई। अब उस लकड़ी में थोड़ी सी भी आग नहीं बची थी। गुरु फिर उठे और उन्होंने उस लकड़ी को जलती हुई लकड़ियों के साथ फिर से रख दिया। वह लकड़ी फिर से जलने लगी।
अब गुरु शिष्य की कुटिया से बाहर जाने लगे। शिष्य ने गुरु से कहा कि गुरुदेव आपका संदेश मैं समझ गया हूं। हमें संगठन में रहना चाहिए। एक साथ रहेंगे तो हमारी हर परेशानी आसानी से हल हो सकती है। अकेले रहेंगे तो छोटी सी समस्या भी मुश्किल हो जाएगी। छोटे काम में भी आसानी से सफलता नहीं मिलेगी।
जो लोग अकेले रहते हैं, उन्हें सफलता आसानी से नहीं मिलती सफलता के लिए करना होता है ये काम
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जनवरी 23, 2021
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